
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े और अहम फैसलों पर मुहर लगी। कुल 26 प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण से लेकर धर्मांतरण पर उम्रकैद तक की सजा जैसे कठोर प्रावधान शामिल हैं। आइए जानते हैं मीटिंग में हुए टॉप 3 फैसले:
1. पूर्व अग्निवीरों के लिए नौकरी में 19% आरक्षण का तोहफा
सरकार ने ‘अग्निवीर क्षैतिज आरक्षण नियमावली 2025’ को मंजूरी दी है, जिसके तहत वर्ष 2026 के बाद लौटने वाले पूर्व अग्निवीरों को ग्रुप ‘ग’ की सीधी भर्तियों में 19% तक आरक्षण मिलेगा।
यह फायदा इन विभागों में मिलेगा:
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पलटन कमांडर
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फायरमैन
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द्वितीय अधिकारी
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पुलिस आरक्षी
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अग्निशमन विभाग
इससे ना सिर्फ देशसेवा करने वाले युवाओं को सुरक्षित भविष्य मिलेगा, बल्कि सरकारी विभागों में अनुभवी व अनुशासित कर्मियों की भरती भी सुनिश्चित होगी।
2. धर्मांतरण कानून में संशोधन: अब उम्रकैद तक की सजा
सरकार ने ‘उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2025’ को हरी झंडी दे दी है। नए संशोधन के तहत अवैध धर्मांतरण पर कठोर सजा और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
सजा का स्केल इस प्रकार है:
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सामान्य उल्लंघन: 10 साल की सजा
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संवेदनशील मामले: 5 से 14 साल की सजा
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गंभीर मामला: 20 साल तक की सजा और भारी जुर्माना
साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी फैलाने और पीड़ितों की सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं।
धर्मांतरण सिर्फ मुद्दा नहीं, अपराध की श्रेणी में!
3. लखवाड़ जल विद्युत परियोजना: मुआवजा बढ़ा, न्याय मिला
लंबे समय से प्रभावित लोगों की मांग को पूरा करते हुए, सरकार ने फैसला किया कि लखवाड़ जल परियोजना से प्रभावित लोगों को अब ‘नैनबाग सर्किल रेट’ के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
इससे प्रभावित परिवारों को बेहतर आर्थिक सहायता मिलेगी और लंबे समय से चली आ रही असंतोष की भावना का अंत होगा।
उत्तराखंड सरकार ने इस कैबिनेट मीटिंग में राष्ट्र सेवा, सामाजिक संतुलन और विकास की तीनों धुरी पर मजबूत फैसले लिए हैं।
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अग्निवीरों को सम्मान
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धर्मांतरण पर सख्ती
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प्रभावितों को न्याय
इन फैसलों से साफ है कि सरकार 2025 के चुनावी साल से पहले मजबूत सामाजिक और प्रशासनिक संदेश देना चाहती है।
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